India russia friendship

संयुक्त राष्ट्र की सभा में एस  जयशंकर ने कहा कि भारत अब ले सकता है यूएन में स्थाई सदस्यता।


 जी हां दोस्तों अगर। इंडिया को यूनाइटेड नेशन में स्थाई सदस्यता मिल जाए तो। क्या-क्या हो सकता है यह अब हम जानेंगे और एस जयशंकर ने क्यों कहा कि भारत भी ले सकता है यह स्थाई सदस्यता और इसके लिए भारत के पास पर्याप्त विज्ञान और साधन है तो चले यह सब हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे? दोस्तों यूनाइटेड नेशन में आने के लिए भारत के पास एक अच्छी टेक्नोलॉजी और हथियार वगैरा का बहुत बड़ा जखीरा है इसलिए  यूनाइटेड नेशन में आने के लिए अभी तैयार है ऐसा एस जयशंकर यूनाइटेड नेशन में का है इसके साथ ही अगर भारत को यूनाइटेड नेशन में जगह मिल जाती है तो भारत को भी कश्मीर मुद्दे पर लड़ने के लिए  किसी पर डिपेंड होना नहीं पड़ेगा और ब। भारत की ताकत और बढ़ जाएगी‌|
 हाल ही में यूनाइटेड नेशन  की  हुई और इस पर एस्से शंकर ने अपने। अंदाज़ में कहा कि हमें भी अब। यूनाइटेड नेशन का हिस्सा होना है। स्थाई सदस्यता हमें भी मिलनी चाहिए।

 क्योंकि भारत के पास अभी बहुत सारे ऐसी चीजें है कि जिससे भारत अब? उन अब उन देशों से पीछे नहीं रहा जो यूनाइटेड नेशन के पहले से ही हिस्सेदार है और भारत को भी अभी   स्थाई सदस्यता  मिलना बहुत जरूरी है। बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी भारत के स्थाई सदस्यता का समर्थन किया था। तो अब हम समझ सकते कि भारत से अभी अमेरिका भी नाराज नहीं है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं कहा था उन्होंने भारत का नाम भी नहीं लिया था। पाकिस्तान के वजीर ए आलम  सुरक्षा परिषद में कहते रहे कि भारत को अभी यहां पर स्थाई सदस्यता मिलना नहीं चाहिए। और इसकी कोई जरूरत भी नहीं है तो उनको यह डर है कि कश्मीर का मुद्दा यहां पर भारत अपने तरफ ना कर ले इसलिए उन्होंने इससे अपना  नाराजगी जताई है।

 मगर दोस्त आपको बता दें कि रूस ने अभी भारत की स्थाई सदस्यता  ऐलान किया है। और रूस चाहता है कि भारत संयुक्त परिषद का  हिस्सा बने। तो अब आप समझ सकते हैं कि उसको भी इसे कोई एतराज नहीं है।




 जबकि पाकिस्तान चिल्ला चिल्ला कर कह रहा है कि भारत को यहां पर स्थाई सदस्यता मिलना नहीं चाहिए और ऐसे में अब हमें देखना पड़ेगा कि अब क्या होता है? 
 कुछ लोग इंटरनेट पर भारत के और रूस के रिश्ते के बारे में कुछ गलत अफवाह फैला रहे हैं मगर इससे भारत को कोई भी डर नहीं या उसको भी  इससे कोई। नुकसान होने वाला नहीं है क्योंकि इसने भारत और russia के रास्ते में? कोई भी दरार नहीं  आएगी और जबकि भारत और रूस के रिश्ते अभी मजबूत है।
तो अब भारत को भी  u n मे अब जगह मिल सकती है ।इससे रुस को भि फायदा है । क्यो कि भारत भविष्य मे रुस को भि उसके मसले मे मदद कर सकता है ।

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